स्वस्थ रहने के नियमों में सबसे पहला स्थान नींद का रहा है। इंसानी शरीर की यही खासियत है कि दिनभर की शारीरिक थकान की भरपाई रातभर की नींद में पूरी हो जाती है। जो लोग रात में नहीं सोते उन्हें किसी न किसी तरह दिन में इसकी भरपाई करना जरूरी होता है। लेकिन सिर्फ नींद लेने के बाद ही नहीं बल्कि उठने से पहले भी कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो शरीर लंबी उम्र तक स्वस्थ बना रहता है।
नींद पूरी होने के बाद बिस्तर छोडऩे से पूर्व सभी को सीधे बिस्तर नहीं छोडऩा चाहिए। बिस्तर छोडऩे से पहले सभी को अपने शरीर को पूरी तरह फैलाकर कुछ समय लेटे रहें। उसके बाद सारे शरीर पर धीरे-धीरे दोनों हाथ मालिश करने के ढंग से घुमाने चाहिए। इससे रक्तसंचार बढऩे में सहायता मिलती है। उठने से पहले कुछ देर व्यक्ति को बिस्तर पर पेट के बल लेटना चाहिए क्योंकि रात्रि के समय व्यक्ति दायीं या बायीं करवट सोता है। पेट के बल लेटने से पेट खुलकर साफ होता है। शरीर को भी आराम मिलता है। रीढ़ की हड्डी भी सीधी रहती है।
पेट के बल लेटने के बाद व्यक्ति पुन: बिस्तर पर लेटकर अपने दोनों पांव सिकोड़कर घुटने छाती तक ले जाने चाहिए। दोनों हाथों से घुटने पकड़कर धीरे-धीरे नीचे के दबाने चाहिए। इससे भी पेट साफ रहता है। बिस्तर छोडऩे से पहले यह जरूरी है कि हम अपने हाथ पैर हवा में घुमाते हुए हल्का व्यायाम करें। पैरों को इस प्रकार चलाये जैसे साइकिल चला रहे हों। इन उपायों से शरीर में और अधिक स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा साथ ही स्वस्थ रहने में विशेष सहायता मिलेगी।
नींद पूरी होने के बाद बिस्तर छोडऩे से पूर्व सभी को सीधे बिस्तर नहीं छोडऩा चाहिए। बिस्तर छोडऩे से पहले सभी को अपने शरीर को पूरी तरह फैलाकर कुछ समय लेटे रहें। उसके बाद सारे शरीर पर धीरे-धीरे दोनों हाथ मालिश करने के ढंग से घुमाने चाहिए। इससे रक्तसंचार बढऩे में सहायता मिलती है। उठने से पहले कुछ देर व्यक्ति को बिस्तर पर पेट के बल लेटना चाहिए क्योंकि रात्रि के समय व्यक्ति दायीं या बायीं करवट सोता है। पेट के बल लेटने से पेट खुलकर साफ होता है। शरीर को भी आराम मिलता है। रीढ़ की हड्डी भी सीधी रहती है।
पेट के बल लेटने के बाद व्यक्ति पुन: बिस्तर पर लेटकर अपने दोनों पांव सिकोड़कर घुटने छाती तक ले जाने चाहिए। दोनों हाथों से घुटने पकड़कर धीरे-धीरे नीचे के दबाने चाहिए। इससे भी पेट साफ रहता है। बिस्तर छोडऩे से पहले यह जरूरी है कि हम अपने हाथ पैर हवा में घुमाते हुए हल्का व्यायाम करें। पैरों को इस प्रकार चलाये जैसे साइकिल चला रहे हों। इन उपायों से शरीर में और अधिक स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा साथ ही स्वस्थ रहने में विशेष सहायता मिलेगी।
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