सुंदर दिखने की पहली शर्त है स्वस्थ-सुंदर त्वचा। चाहे आप कामकाजी हों या घरेलू, आप की त्वचा को वातावरण के प्रदूषण, धूल-मिट्टी इत्यादि का सामना करना ही पड़ता है। उनके कारण त्वचा मुरझाई-सी दिखने लगती है। अगर आप भी अपनी त्वचा को गुलाब के फूल की तरह तरोताजा रखना चाहती हैं तो योग से अच्छा कोई उपाय नहीं है। वरूण मुद्रा एक ऐसी मुद्रा है जिसे रोज सिर्फ पंद्रह मिनट कर कोई भी अपनी स्किन कोमल और मृदु बना सकता है।
कैसे बनाएं वरूण मुद्रा- सबसे छोटी अंगुली तथा अंगूठे के पोर को मिलाकर शेष अंगुलियों को यदि अपनी सीध में राखी जाय तो वरुण मुद्रा बनती है। लाभ - यह मुद्रा रक्त संचार संतुलित करने,चर्मरोग से मुक्ति दिलाने, रक्त की न्यूनता (एनीमिया) दूर करने में परम सहायक है। वरुण मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में जल तत्व की कमी से होने वाले अनेक विकार समाप्त हो जाते हैं। जल की कमी से ही शरीर में रक्त विकार होते हैं।यह मुद्रा त्वचा को स्निग्ध तथा सुन्दर बनता है।
कैसे बनाएं वरूण मुद्रा- सबसे छोटी अंगुली तथा अंगूठे के पोर को मिलाकर शेष अंगुलियों को यदि अपनी सीध में राखी जाय तो वरुण मुद्रा बनती है। लाभ - यह मुद्रा रक्त संचार संतुलित करने,चर्मरोग से मुक्ति दिलाने, रक्त की न्यूनता (एनीमिया) दूर करने में परम सहायक है। वरुण मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में जल तत्व की कमी से होने वाले अनेक विकार समाप्त हो जाते हैं। जल की कमी से ही शरीर में रक्त विकार होते हैं।यह मुद्रा त्वचा को स्निग्ध तथा सुन्दर बनता है।
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