गुरुवार, 22 सितंबर 2011

उ हू...उहू से तंग आ गए है तो आजमाएं दादी के फंडे

खांसी कोई रोग नहीं है। यह अन्य रोगों का लक्षण मात्र है। खांसी अगर बनी रहे तो यह अन्य बीमारियों को जन्म दे सकती है। खांसी के कारण कमजोरी के अलावा गले, सांस के नलियों, फेफड़ें व दिल की बीमारियां होती है। टी.बी. दमा में भी खांसी के प्रमुख लक्षण है। जब तक खांसी के मूल कारण वाली बीमारी का पूरा इलाज न किया जाए। तब तक केवल खांसी की दवा पीने से भी कुछ ही देर का लाभ होता है।जुकाम खांसी होने का सबसे मुख्य कारण है। घरेलु उपचार से खांसी ठीक की जा सकती है।

 खांसी में गर्मी के ठंडे पानी के साथ और सर्दी में गरम पानी से नारंगी का रस  लाभ होता है।

पिसे हुआ अंावला एक चम्मच शहद में मिलाकर रोज दो बार चांटे।

 - पालक के रस को हल्का सा गर्म करके कुल्ला करें।

 - चाय चम्मच मेथीदाना एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर गर्म-गर्म पिलाएं।

 - अंजीर का दूध पीएं।

 - चार चम्मच तिल और उसमें इतनी ही मिश्री मिलाकर एक गिलास पानी में उबालें, जब आध पानी रह जाए तो पी जाएं।

 - दालचीनी चुसते रहने पर खांसी नहीं चलती। 

- दस काली मिर्च पानी में उबाल कर पिएं।

- काली मिर्च पीसकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करें।

- खांसी बार-बार चलती है तो मिश्री का एक टुकड़ा मुंह में रखें।

 - ब्लैक कॉफी पीने से भी खांसी में राहत मिलती है। 

 - खांसी में छोटी इलायची खाने से भी लाभ होता है।

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