चुकंदर
चुकंदर बहुत ही उपयोगी, रस से भरी, मीठे जड़ की सब्जी है, जिसमें से लाल-गुलाबी रंग का रस निकलता है। इसमें प्रोटीन, वसा, खनिज, रेशे, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, विटामीन ÷ए', ÷बी' और ÷सी' कुछ मात्रा में पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त इसमें सोडियम, कैल्शियम, सल्फर, आयोडीन और तांबा भी हैं। यह खाने में मीठी और कसैली है। इसका उपयोग अक्सर सलाद में होता है। कुछ लोग इसे उबाल कर खाते हैं।
चुकंदर में रोग निवारक औषधीय गुण भी उपलब्ध हैं। इसके सेवन से पित्ताशय, गुर्दे और मूत्राशय की सफाई होती है। यह रक्तवर्द्धक और शक्तिदायक भी है।
विभिन्न रोगों में चुकंदर से लाभ :
पथरी : चुकंदर का रस या सूप पीने से पथरी गल कर मूत्र के रास्ते निकल जाती है। दिन मे चार-पांच बार पीने से पित्ताशय और गुर्दे की पथरी एवं सूजन में लाभ मिलता है।
बवासीर : चुकंदर के नियमित सेवन से पेट ठीक रहता है। पाचन तंत्र सुचारु रूप से काम करता है और कब्ज और बवासीर की शिकायतों को दूर करता है। इसलिए रोज अगर सोने से पहले आधा गिलास रस पी लिया जाए, तो बवासीर में लाभकारी है।
रक्त की कमी और विकार : इसे गाजर के रस के साथ मिला कर पीने से रक्त की कमी मिटती है और रक्त विकार ठीक होता है। रोजाना दोपहर के वक्त एक गिलास लेने से रक्त के लाल कणों की संख्या बढ़ती है और रक्तचाप और हृदय रोग में लाभ होता है।
त्वचा विकार : चुकंदर का सूप बना कर पीने से त्वचा की गांठ, कील, मुहांसे में लाभ होता है और त्वचा लाल और निरोगी हो जाती है।
अन्य रोग : जोड़ों का दर्द, मासिक धर्म में अनियमितता, श्वेत प्रदर, जननांगो के रोग, पीलिया, जी मिचलाना और उल्टी आना- इन सभी रोगों में चुकंदर का रस गाजर और नींबू के रस में मिला कर लेने से लाभ मिलता है।
शहद के साथ चुकंदर का रस रोजाना खाली पेट लेने से पेट का अल्सर ठीक हो जाता है।
चुकंदर के पत्तों को पीस कर सिर पर लेप करने से बालों का झड़ना रुक जाता है। इनके अलावा इसे सलाद, अचार, चटनी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सोमवार, 25 अक्टूबर 2010
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