बहरेपन के उपाय :
एक चुटकी असली हींग, स्त्री के दूध में घिस कर, कान में डालने से बहरापन दूर होता है।
आक के पीले पत्ते, जिनमें छेद न हो, आग पर गरम कर के, उन्हें मसल कर रस निकालें और इस रस को कान में दो-दो बूंद डालने से बहरेपन और कर्णस्राव में भी आराम मिलता है।
मूली का रस, शहद, सरसों का तेल, बराबर मात्रा में मिला कर, दो-तीन बूंद कान में सुबह-शाम डालने से बहरेपन में आराम आता है।
कर्णपीड़ा के उपाय :
तुलसी के पत्तों का रस गुनगुना कर दो-दो बूंद प्रातः-सायं डालने से कान के दर्द में राहत मिलती है और बहरापन भी ठीक होता है।
अदरक के रस में नमक एवं शहद मिला कर, गुनगुना कर, कानों में डालने से कान के दर्द में आराम आता है।
प्याज का गुनगुना रस कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है। इससे बहरेपन एवं कर्णस्राव में भी लाभ होता है।
कर्णस्राव (कान बहने) के उपाय :
कान को साफ कर दो-दो बूंद स्पिरिट तीन चार दिन कान में डालने से कान का बहना ठीक होता है।
सरसों का तेल एवं रतनजोत १०ः१ अनुपात में मिला कर पका कर कान में डालने से कर्णस्राव में आराम होता है। यह कान के दर्द एवं बहरेपन में भी लाभकारी है।
स्त्री के दूध में रसौत एवं शहद मिला कर कान में डालने से कर्णस्राव स्थाई रूप से रुक जाता है।
दो-दो बूंद चूने के पानी को कान में डालने से बच्चों के कर्णस्राव में आराम मिलता है।
सोमवार, 25 अक्टूबर 2010
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