श्वेत प्रदर के घरेलू उपचारः
सिंघाड़े के आटे के हलुवे का सेवन इस रोग में हितकारी है।
गूलर के सूखे फल पीस कर, उसमें मिस्री और शहद मिला कर खाएं।
मुलहठी, मिस्री, जीरा, अशोक छाल क्रमश १, २, ६ के अनुपात में पीस कर, दिन में तीन बार, ४ से ६ मास सेवन करने से लाभ होता है।
सफेद मूसली या ईसबगोल, शर्बत के साथ, दिन में दो बार लें।
सिंघाड़ा, गोखरू, बड़ी इलायची, बबूल की गोंद, समेल का गोंद और शक्कर, समान मात्रा में मिला कर, सुबह-शाम सेवन करें।
गोंद को शुद्ध घी में तल कर, शक्कर की चाशनी में डाल कर, खाने से लाभ होता है।
पक्के टमाटर का सूप पीने तथा आंवले का मुरब्बा खाने से भी लाभ होता है।
तुलसी के पत्तों का रस, बराबर की मात्रा में शहद में मिला कर, सुबह-शाम चाटने से विशेष लाभ होता है।
आंवले का चूर्ण शहद के साथ चाटने से आराम मिलता है।
शिलाजीत एक मास दूध के साथ सेवन करें।
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