गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

ये हैं बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या को मिटाने वाले कुछ कुदरती नुस्खे

यदि आपकी उम्र पचास को पार कर गयी है ,तो आपको प्रोस्टेट की समस्या से दो-चार होना पड़ सकता है। चिकित्सा जगत में इसे बिनायन प्रोस्टेट हायपरप्लेसीया कहा जाता है। इसमें पेशाब की धीरे का रुक-रुक कर आना,रात में बार-बार पेशाब जाना और पेशाब को न रोक पाना जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। हम आपको एक ऐसा उपाय बताते हैं ,जिससे आपको इस समस्या से राहत मिल पायेगी।

अश्विनी मुद्रा : लंबी सांस खींचकर रोकें। ठुड्डी  को नीचे झुकाकर छाती से लगाएं। अपने गुदा द्वार को सिकोड़ें। जितनी देर कर सकें, करें। फि र सांस छोड़ते हुए नार्मल अवस्था में आएं। गर्दन सीधी कर लें।  इसका नियमित अभ्यास करें साथ ही निम्न योग औषधि को भी लें आपको निश्चित लाभ मिलेगा।

- काली तुलसी के जड़ का चूर्ण - 3 ग्राम , मक्का की जटा की भस्म - 3 ग्राम, प्रात: सायं गाय के दूध साथ 2 से 3  माह दें और लाभ देखें। 

- 3-4 लिटर पानी पीने की आदत डालें। लेकिन शाम को 6 बजे बाद जरुरत मुताबिक ही पानी पीएं ताकि रात को बार बार पेशाब के लिये न उठना पडे।

-  सोयाबीन में फायटोएस्टोजीन्स होते हैं जो शरीर मे टेस्टोस्टरोन का लेविल कम करते हैं। रोज 30 ग्राम सोयाबीन के बीज गलाकर खाना लाभदायक उपचार है।

-  विटामिन सी का प्रयोग रक्त नलियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये जरूरी है। 500 एम जी की 3 गोली प्रतिदिन लेना हितकर माना गया है। 

- अलसी को मिक्सर में चलाकर पावडर बनालें । यह पावडर 20 ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर दिन में दो बार पीयें। बहुत लभदायक उपचार है।

-  कद्दू में जिन्क पाया जाता है जो इस रोग में लाभदायक है। कद्दू के बीज की गिरी निकालकर तवे पर सेक लें। इसे मिक्सर में पीसकर पावडर बनालें। यह चूर्ण 20 से 30 ग्राम की मात्रा में नित्य पानी के साथ लेने से प्रोस्टेट सिकुडकर मूत्र खुलासा होने लगता है।

- चर्बीयुक्त पदार्थों का सेवन बंद कर दें। मांस खाने से भी परहेज करें।

- हर साल प्रोस्टेट की जांच कराते रहें ताकि रोग को प्रारंभिक हालत में ही पकडा जा सके।

- चाय और काफी में केफिन तत्व पाया जाता है। केफिन मूत्राशय की ग्रीवा को कठोर करता है और प्रोस्टेट रोगी की तकलीफ बढा देता है। इसलिये केफिन तत्व वाली चीजें इस्तेमाल न करें।

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