बुधवार, 21 दिसंबर 2011

सोलह मिनट में बिना दवा के जुकाम और खांसी हो जाएगी गायब


आप खांसी के लिए दवाइयां ले कर थक चूके हैं। लंबे समय से आपको खांसी या जुकाम बना हुआ है। कफ आपका पीछा नहीं छोड़ रहा तो नीचे लिखा सोलह मिनट का प्रयोग अपनाकर आप खांसी व जुकाम से बिना दवा के छुटकारा पा सकते हैं।

अंगुष्ट मुद्रा- अंगुष्ट मुद्रा को लिंग मुद्रा भी कहा जाता है। अंगुष्ट पौरुष का प्रतीक है। व्यक्ति में सक्रियता के विकास के लिए इससे सहयोग मिलता है। अंगुष्ट मुद्रा से उष्णता बढ़ती है। पित्त प्रवृति वाले साधक को इस मुद्रा का प्रयोग अधिकारी व्यक्ति के निर्देश अनुसार ही करना चाहिए। अन्यथा पित्त का प्रकोप बढऩे से शरीर में अम्लता बढ़ सकती है। फिर उष्णता के कारण ये सब व्याधियां, दर्द होना, चक्कर आना, कंठ सुखना, शरीर में जलन, होना बढ़ सकती है। सर्दी के  मौसम में इस मुद्रा का उपयोग किया जा सकता है। इससे कफ दोष दूर होते हैं। पुरानी जुकाम भी सरलता से दूर होता है। शरीर में अनावश्यक चर्बी को भी जला देते हैं। जिससे मोटापे में कमी आती है।

विधि- अंगुष्ट मुद्रा बनाने के लिए दोनों हथेलियों की अंगुलियों को आपस में फंसाकर बाएं अंगूठे को सीधा रखकर हथेलियों को परस्पर एक-दूसरे में दबाना होता है। अंगुलियों से भी पृष्ठ भाग पर दबाव देना है। दाहिने अंगूठे को बाएं अंगूठे के मूल में रखकर दबाव देना है। पहली बार बाएं अंगूठे को सीधा रखा जाए। दूसरी बार दाहिने अंगूठे से बाएं अंगूठे के मूल पर दबाव देना है। दोनो प्रकार से ही अंगुठे की यह मुद्रा बनाई जा सकती है।

 आसन- पद्मासन या अद्र्धपद्मासन लिंग मुद्रा में उपयोगी है। इन आसनों में जिन्हे अभ्यास न हो सके, वे सुखासन व वज्रासन में भी मुद्रा का उपयोग कर सकते हैं।

समय- अंगुष्ट मुद्रा का प्रयोग सुबह और शीतल रात्रि में किया जा सकता है। दिनभर में सोलह-सोलह मिनट तक तीन बार में प्रयोग किया जा सकता है।

परिणाम- खांसी शांत होती है।

- दमा व जुकाम का नाश होता है।

- साइनस व लकवा ठीक हो जाता है।

सावधानियां- पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति इसे अधिक न करें। पेट में जिनके अल्सर हो वे भी इसे न करें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...