समय पर खाना न खाना, शरीर की आवश्यकता से अधिक भोजन आदि के कारण एसीडिटी होना एक आम समस्या है। साथ ही गैस का बनना, कब्जियत रहना और मुंह के छाले होना कहीं न कहीं पेट से ही जुड़ी हुई समस्याएं हैं। पेट में गैस व एसीडिटी होनी की छोटी सी समस्याएं कई बारजानलेवा भी हो सकती है। अगर आपको भी ये समस्याएं परेशान कर रही है तो अपनाइए नीचे लिखे छोटे-छोटे फंडों को और पाएं गैस व एसीडिटी से राहत हमेशा के लिए।
- प्रतिदिन जमकर भूख लगने पर ही भोजन करें।
- खाने के तुरंत बाद कभी भी चाय-काफी आदि का सेवन न करें।
- पके हुए बेल फल का उचित रीति से सेवन करें।
- हिंगास्टक चूर्ण, जो कि बाजार में बना बनाया मिलता है, खाने के बाद
उचित मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें।
- भोजन में हरी सब्जियों और सलाद का सेवन अवश्य करें। चाय, मिर्च-मसाले,
पचने में भारी चीजों से बचें।
- भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठें। रात्रि में बाईं करवट से ही सोएं।
- प्रतिदिन सुबह 2 से 3 कि. मी. मार्निग वॉक करें।
- सुबह उठकर 1-2 गिलास पानी जो तांबे के लोटे में रात भर रखा रहा हो, उसे पीना पेट के लिये बहुत फायदेमंद होता है।
- प्रतिदिन जमकर भूख लगने पर ही भोजन करें।
- खाने के तुरंत बाद कभी भी चाय-काफी आदि का सेवन न करें।
- पके हुए बेल फल का उचित रीति से सेवन करें।
- हिंगास्टक चूर्ण, जो कि बाजार में बना बनाया मिलता है, खाने के बाद
उचित मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें।
- भोजन में हरी सब्जियों और सलाद का सेवन अवश्य करें। चाय, मिर्च-मसाले,
पचने में भारी चीजों से बचें।
- भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठें। रात्रि में बाईं करवट से ही सोएं।
- प्रतिदिन सुबह 2 से 3 कि. मी. मार्निग वॉक करें।
- सुबह उठकर 1-2 गिलास पानी जो तांबे के लोटे में रात भर रखा रहा हो, उसे पीना पेट के लिये बहुत फायदेमंद होता है।
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