आजकल अत्याधिक काम के बोझ व कम नींद ले पाने के कारण कम समय में थकान हो जाना कमजोरी महसूस होना आदि एक आम समस्या है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो योगा करना आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर आपके पास नियमित रूप से योगासन करने के लिए अधिक समय नहीं है तो इस आसन को सुबह-शाम 5 मिनट से शुरुआत कर धीरे-धीरे 15 मिनट तक समय बढ़ाते हुए रोज करें और पाएं चमत्कारिक असर।
विधि- कर्ण पीड़ासन आसन का अभ्यास एकांत व साफ-स्वच्छ जगह पर करना चाहिए। इस आसन के लिए नीचे जमीन पर दरी य चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब पूरे शरीर को ढीला छोड़ें। दोनों हाथों को दोनों बगल में कमर के पास लगाकर सीधा रखें तथा हथेलियों को नीचे की तरफ करके रखें। अब दोनों पैरों को एक साथ उठाकर धीरे-धीरे ऊपर सिर की ओर लाएं। अब दोनों पैरों को दोनो कान से सटाकर सिर के दोनों ओर रखें तथा पंजे व घुटनों को नीचे फर्श से टिकाकर रखें। इस स्थिति में कुछ देर तक रहे, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं और कुछ समय तक आराम करें। इसके बाद फिर इस क्रिया को करें। इस क्रिया को प्रतिदिन 5 बार करें।
लाभ-इस आसन के अभ्यास से स्नायु तंत्र (नर्वससिस्टम) मजबूत तथा क्रियाशील बनता है। यह आसन सुषुम्ना में मौजूद सभी नाडिय़ों को जगाता है, जिससे शरीर का रोम-रोम जाग उठता है। इस आसन को करने से पूरा शरीर स्वस्थ, शक्तिशाली तथा सक्रिय बना रहता है।
विधि- कर्ण पीड़ासन आसन का अभ्यास एकांत व साफ-स्वच्छ जगह पर करना चाहिए। इस आसन के लिए नीचे जमीन पर दरी य चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब पूरे शरीर को ढीला छोड़ें। दोनों हाथों को दोनों बगल में कमर के पास लगाकर सीधा रखें तथा हथेलियों को नीचे की तरफ करके रखें। अब दोनों पैरों को एक साथ उठाकर धीरे-धीरे ऊपर सिर की ओर लाएं। अब दोनों पैरों को दोनो कान से सटाकर सिर के दोनों ओर रखें तथा पंजे व घुटनों को नीचे फर्श से टिकाकर रखें। इस स्थिति में कुछ देर तक रहे, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं और कुछ समय तक आराम करें। इसके बाद फिर इस क्रिया को करें। इस क्रिया को प्रतिदिन 5 बार करें।
लाभ-इस आसन के अभ्यास से स्नायु तंत्र (नर्वससिस्टम) मजबूत तथा क्रियाशील बनता है। यह आसन सुषुम्ना में मौजूद सभी नाडिय़ों को जगाता है, जिससे शरीर का रोम-रोम जाग उठता है। इस आसन को करने से पूरा शरीर स्वस्थ, शक्तिशाली तथा सक्रिय बना रहता है।
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