रविवार, 22 जुलाई 2018

प्रॉपर्टी में वास्तु के नाम पर तोड़फोड़ न करें


कभी कभी आपकी जमीन में किया गया छोटा सा बदलाव आपकी किस्मत बदल सकता हैं. कई बार ऐसा होता हैं की हम घर बनवा लेते हैं उस समय हमें वास्तु की सही सलाह नहीं मिल पाती. और हम घर में तोड़-फोड़ भी नहीं कर सकते.  थोड़े से बदलाव के बाद आप अपने घर को फलदायी बना सकते हैं.


यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें. 
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मेरे एक नेता क्लाइंट कई बार चुनाव जीत चुके थे. परन्तु वह मंत्री नहीं बन पा रहे थे. जन्मकुंडली से पता नहीं लग पाया कि दिक्कत कहाँ पर थी. क्यूंकि चुनाव जीत कर आ गए, दशम भाव का कार्य पूरा हो गया. दशम और एकादश भाव कुंडली में स्पष्ट दिखा रहे थे कि इस व्यक्ति को प्रमोशन, पद, यश मिलेगा, जीत होगी.
सब ग्रह ठीक थे फिर भी मंत्री नहीं बन पा रहे थे. अब प्रश्न यह था कि चुनाव जीत के आने के बावजूद, आला कमान से उनके अच्छे संबंध क्यूँ नहीं बन रहे थे ? यह बाधा आखिर कहाँ पर घटित हो रही थी ?
आखिरकार मैंने पूर्व दिशा का एक टॉयलेट बंद करवाया. क्यूंकि बहुत सारे शौचालय थे उनके बड़े से बंगले में, तो एक शौचालय बंद किया जा सकता था. इसके बाद, जैसे ही कैबिनेट का विस्तार हुआ, उनका नाम उस विस्तार लिस्ट में आ गया. अपने प्रॉपर्टी में वास्तु के नाम पर तोड़फोड़ न करें. सरल, वैज्ञानिक और प्रभावशाली वास्तु उपाय है ना.

वंशानुगत फल का विचार-
मनुष्य की शुभाशुभ परिस्थिति में उस के वंश की स्थिति का भी बड़ा परिणाम होता है. इस वंशानुगत फल का विचार राहु की स्थिति से करना चाहिए.
वंशपरम्परागत दोष द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, षष्ठ, सप्तम और द्वादश भावों में राहु की ग्रह-युति के कारण अपने तीव्र परिणाम दिखाता है.
मसलन, यदि राहु इन भावों में किसी में भी रवि व् गुरु से युक्त है तो संभवतः कुल में किसी व्यक्ति की संपत्ति का अपहरण करने से उसे दारिद्रय आया, संपत्ति के लिए हत्या, विधवा स्त्री की धरोहर का गबन आदि कृत्यों से पीड़ित उस व्यक्ति का श्राप पांच पीढ़ियों तक कष्ट देता है - हर पीढ़ी में दारिद्र्य, पागलपन, घर का कोई व्यक्ति लापता होना, यह फल मिलता ही है.
यदि हत्या हुई हो तो वह व्यक्ति पिशाच के रूप में पीड़ा देता है.
अगर आप संस्कारशील होकर गुजर-बसर नहीं कर सकते तो फिर डरना ज़रूरी है.
पीढ़ियाँ भुगतती हैं.

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