सोमवार, 30 जुलाई 2018

जब बेटे का छुड़ाया नशा, परिवार को जोड़ा इनके ज्योतिष ज्ञान ने the family added their astrological wisdom



आज हम यहाँ बात कर रहे हैं विश्वजीत जी के एक और अनुभव की. जिन्होंने अपने लम्बे समय के अनुभव के आधार पर अपने एक और क्लाइंट की मदद की. जिनका बेटा ड्रग्स का आदि था. बेटी को शादी नहीं करनी थी वो सिर्फ लिव इन में रहना चाहती थी और परिवार पर था ३७ करोड़ का मुकद्दमा. जब इतनी सारी परेशानी एक साथ हो तो परिवार का सोचिए क्या हाल होगा. आज यहाँ वो अपनी जुबानी उस परिवार की कहानी बता रहे हैं.


यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें. 
 https://www.facebook.com/TheVedicCounselor/



दिसम्बर 2017 का एक दिन - ग्रेटर कैलाश II - पति 1990 बैच IAS, पत्नी 1990 बैच IRS - दोनों पति-पत्नी साउथ ब्लॉक मंत्रालय पोस्टेड

- विश्वजीत जी, अन्यथा न लें, तो एक बात पूछूँ ? क्या आपको पेमेंट करना वैल्यू फॉर मनी है ? माने, ऐसा क्या करते हैं आप ? मेरा मतलब समझ रहे हैं न ......

- मैं क्लाइंट की जात ही बदल देता हूँ कश्यप जी, अगर वो अपना दिमाग लगाये बिना मेरी सारी इंस्ट्रक्शन तमीज़ से फॉलो करे.

देश की नीतिगत दिशा निर्धारित करने वाले नियन्ता अफसरे-आज़म के लिए यह टोटली अभूतपूर्व बाउंसर था. हमारी पहली ही मुलाकात थी. संभवतः उनकी नज़रों में मैं एक अदना से आम आदमी, जिससे कम-से-कम ऐसा जवाब तो कतई अपेक्षित नहीं था. उनका PS मेरा क्लाइंट था और उसने ही यह मीटिंग फ़िक्स की थी. मुद्दा उनकी बेटी का लिव-इन रिलेशनशिप के लिये आक्रामक और विद्रोही व्यवहार और शादी से साफ़ इन्कार, , बेटे का ड्रग एडिक्ट हो जाना और 1996 का एक दीवानी-फौज़दारी मुक़द्दमा था, दांव पे 37 करोड़ की प्रॉपर्टी थी - बस ये तीन ही मामूली इशू थे.

उनका तंज उनके ही खिलाफ़ गया. अगले ढाई घन्टे तक उनके मुहँ से एक बोल न फूटा. मैंने घर का वास्तु विश्लेषण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. दोनों पुत्र-पुत्री की कुण्डलियों का विश्लेषण कर सब समझाया और शास्त्रोक्त उपाय बताये...

22 बरस पुराना मुक़दमा तो मई में ही जीतवा दिया. इस 1st अगस्त को बिटिया का रोका है, बेटे ने मार्च से ड्रग्स को हाथ नहीं लगाया, किसी सेंटर-वेंटर में नहीं भेजा. उसका आत्मबल ही इतना मजबूत कर दिया कि अब सूर्योदय से - चाहे पांच मिनट पहले ही सही - लेकिन बिस्तर छोड़ देता है.

वैसे तो मैं भी अपने शब्द IAS साब के हौंसला बढ़ाने वाले ही चुनता. लेकिन वो बेचारे नहीं जानते थे कि अगर क्लाइंट #सामंती गुरूर से ग्रस्त है, तो फिर मैं उसका #सम्राट हूँ...

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