भागदौड़ और बेहद व्यस्तताओं से भरी हुई आधुनिक जीवनशैली ने इंसान को शारीरिक रूप से ही नहीं, मन-मस्तिष्क के स्तर पर भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। वैसे भी मशीनी युग में इंसान के अधिकांश शारीरिक और मानसिक कामों को आधुनिक मशीनों द्वारा किया जाने लगा है। इस अति मशीनीकरण ने जिंदगी को ज्यादा सुविधाजनक तो बना दिया है, पर साथ ही इसका सबसे बुरा असर यह हुआ है कि इससे मनुष्य की शारीरिक और मानसिक क्षमता में काफी गिरावट भी आ गई है।
कमजोर स्मरण शक्ति यानी यादाश्त की कमी की समस्या आज लगभग आम हो चुकी है। कमजोर स्मरण शक्ति के कारण व्यक्ति भूलने की आदत का शिकार हो जाता है। इस समस्या का प्रमुख कारण काम का तनाव, अधिक व्यस्तता और अनियमित दिनचर्या का होना है।
सभी चिकित्सा पद्धतियों में स्मरण शक्ति बढ़ाने के कई उपाय और औषधियां बताई गईं हैं, लेकिन ये दवाइयां कुछ समय के लिये असर दिखाकर फिर से निष्क्रीय हो जाती हैं। इसलिये यदि कोई भूलने की इस जटिल समस्या का स्थाई समाधान चाहता हो तो उसे योग में बताए गए इस उपाय को अवश्य आजमाना चाहिये..
- उगते हुए सूरज की ओर मुखातिब होकर आंखें बंद करके ध्यान मुद्रा में बैठें। अब मन में लगातार उठते हुए विचारों को आते हुए देेखें। योग में इसे ही साक्षी साधना भी कहा जाता है। इस अभ्यास को लगातार 15 दिनों तक करने से आपका मन एकाग्र होने लगेगा। और यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि इंसान को वही बात या घटना लंबे समय तक याद रहती है जिसमें उसका मन अधिक से अधिक एकाग्र होता है। अत: जो भी करें उस समय दूसरा कुछ भी नहीं सोचें हर समय पूरी तरह से वर्तमान में जीना सीखें। काम करते समय पिछली घटनाओं और भविष्य की चिंता से बिल्कुल दूर रहें। जो करें बस पूरी तरह से मन-मस्तिष्क से वहीं उपस्थित रहें। आप देखेंगे कि कुछ ही समय में आपकी भूलने की आदत बगैर किस दवाई के ही हमेशा के लिये मिट चुकी है।
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