मोटापा आज एक कॉमन समस्या के रूप में अपनी पहचान बनाता जा रहा है। खाशकर महिलाओं में तो मोटापा एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है। शादी होने या बच्चे होने के बाद महिलाएं अपनी सेहत को लेकर अक्सर लापरवाह हो जाती हैं, जिससे वह आसानी से मोटापे की शिकार होती चली जाती हैं। डॉक्टरों का मानना है कि जब कमर की चौड़ाई 34 ईंच से अधिक होने लगे तो सावधान हो जाना चाहिए। इससे अधिक कमर की चौड़ाई होना मोटापे की निशानी है। यहां हम कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जिससे न केवल कमर की मोटाई कम की जा सकती है, बल्कि उसे पतली और आकर्षक बनाया जा सकता है।
नुस्खा-1
पपीता के मौसम में इसे नियमित खाएं। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की न केवल अतिरिक्त चर्बी कम होती है, बल्कि वह बेहद आकर्षक हो जाता है।
नुस्खा-2
छोटी पीपल का कपड़छान (यानी किसी सूती कपड़े से छान लेना) कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को तीन ग्राम प्रतिदिन सुबह के समय छाछ के साथ लेने से निकला हुआ पेट दब जाता है और कमर पतली हो जाती है।
नुस्खा-3
मालती की जड़ को पीसकर उसे शहद में मिलाएं और उसे छाछ के साथ पीएं। प्रसव के बाद बढऩे वाले मोटापे में यह रामवाण की तरह काम करता है और कमर की चौड़ाई कम हो जाती है।
नुस्खा-4
आंवले व हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लें, पेट घट जाएगा और कमर कमनीय हो जाएगी।
विशेष:
किसी भी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने से पहले स्वविवेक से काम लेना चाहिये और किसी आयुर्वेद के जानकार चिकित्सक से सलाह लेना सदैव निरापद रहता है। किसी भी असुविधा के लिये वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।
नुस्खा-1
पपीता के मौसम में इसे नियमित खाएं। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की न केवल अतिरिक्त चर्बी कम होती है, बल्कि वह बेहद आकर्षक हो जाता है।
नुस्खा-2
छोटी पीपल का कपड़छान (यानी किसी सूती कपड़े से छान लेना) कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को तीन ग्राम प्रतिदिन सुबह के समय छाछ के साथ लेने से निकला हुआ पेट दब जाता है और कमर पतली हो जाती है।
नुस्खा-3
मालती की जड़ को पीसकर उसे शहद में मिलाएं और उसे छाछ के साथ पीएं। प्रसव के बाद बढऩे वाले मोटापे में यह रामवाण की तरह काम करता है और कमर की चौड़ाई कम हो जाती है।
नुस्खा-4
आंवले व हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लें, पेट घट जाएगा और कमर कमनीय हो जाएगी।
विशेष:
किसी भी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने से पहले स्वविवेक से काम लेना चाहिये और किसी आयुर्वेद के जानकार चिकित्सक से सलाह लेना सदैव निरापद रहता है। किसी भी असुविधा के लिये वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।
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