शक्ति और सौन्दर्य अनादि समय ये आकर्षण का केन्द्र रहे हैं। इसके विपरीत कमजोरी और बदसूरती हमेशा से ही उपेक्षा और घृणा का शिकार बनते हैं। कमजोर को हर कोई सताना और अपना आसान शिकार बनाना चाहता है, जबकि शक्तिशाली की सभी तारीफ भी करते हैं और हर संभव मदद देकर उससे मित्रता रखना चाहते हैं।
धर्म शास्त्रों में कमजोरी को पाप के समान निंदनीय तक बताया गया है, और यहां तक कहा गया है-
'सबहिं सहायक सबल के, निबल सहाय न कोय।'
अगर आप अपनी कमजोरी और दुबलेपन से सदा के लिये मुक्ति चाहते हैं और लोगों की उपेक्षा और घृणा से निजात पाना चाहते हैं तो नीचे दिये जा रहे छुहारे के प्रयोग को पूरे विश्वास के साथ एक बार अवश्य आजमाएं...
प्रयोग:
4 छुहारे एक गिलास दूध में उबाल कर ठण्डा कर लें। प्रात: काल या रात को सोते समय, गुठली अलग कर दें और छुहारें को खूब चबा-चबाकर खाएं और दूध पी जाएं। लगातार 3-4 माह सेवन करने से शरीर का दुबलापन दूर होता है, चेहरा भर जाता है। सुन्दरता बढ़ती है, बाल लम्बे व घने होते हैं और बलवीर्य की वृद्धि होती है। यह प्रयोग नवयुवा, प्रौढ़ और वृद्ध आयु के स्त्री-पुरुष, सबके लिए उपयोगी और लाभकारी है। दुबलेपन व कमजोरी को जड़ से उखाड़ेगा छुहारा!
दमा:
दमा यानी सांस के रोगी को प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 छुहारे खूब चबाकर खाना चाहिए। इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है और कफ व सर्दी का प्रकोप कम होता है।
धर्म शास्त्रों में कमजोरी को पाप के समान निंदनीय तक बताया गया है, और यहां तक कहा गया है-
'सबहिं सहायक सबल के, निबल सहाय न कोय।'
अगर आप अपनी कमजोरी और दुबलेपन से सदा के लिये मुक्ति चाहते हैं और लोगों की उपेक्षा और घृणा से निजात पाना चाहते हैं तो नीचे दिये जा रहे छुहारे के प्रयोग को पूरे विश्वास के साथ एक बार अवश्य आजमाएं...
प्रयोग:
4 छुहारे एक गिलास दूध में उबाल कर ठण्डा कर लें। प्रात: काल या रात को सोते समय, गुठली अलग कर दें और छुहारें को खूब चबा-चबाकर खाएं और दूध पी जाएं। लगातार 3-4 माह सेवन करने से शरीर का दुबलापन दूर होता है, चेहरा भर जाता है। सुन्दरता बढ़ती है, बाल लम्बे व घने होते हैं और बलवीर्य की वृद्धि होती है। यह प्रयोग नवयुवा, प्रौढ़ और वृद्ध आयु के स्त्री-पुरुष, सबके लिए उपयोगी और लाभकारी है। दुबलेपन व कमजोरी को जड़ से उखाड़ेगा छुहारा!
दमा:
दमा यानी सांस के रोगी को प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 छुहारे खूब चबाकर खाना चाहिए। इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है और कफ व सर्दी का प्रकोप कम होता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें