रविवार, 3 जुलाई 2011

अगर शरीर के जोड़ों में हो बहुत दर्द

यदि आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, आयुर्वेद के कुछ उपाय आपको दर्द से निजात दिलाने में कारगर होंगे:-

- सौंठ,मरीच एवं पिप्पली का प्रयोग त्रिकटु के रूप में १/२ चम्मच नित्य गुनगुने पानी से प्रयोग जोड़ों के दर्द में राहत देता है।

- अरंडी की जड़ का चूर्ण १/२-१ चमच्च लेने से भी गठिया के रोगियों में चमत्कारिक लाभ मिलता है।

- यदि जोड़ों का दर्द बहुत पुराना हो तो बालू की पोटली का सेक भी सूजन से राहत दिलाता है।

- प्रारंभिक अवस्था में यदि जोड़ों के दर्द की शुरुवात हुई हो तो अरंडी के तेल के मालिश भी अत्यंत प्रभावी होते है।

- केवल सौंठ का प्रयोग भी पुराने से पुराने जोड़ों के दर्द में लाभ देता है।

- अश्वगंधा,शतावरी एवं आमलकी का चूर्ण जोड़ों से दर्द के कारण आयी कमजोरी को दूर करता है।

- दशमूल का का काढा भी १०-१५ एम्.एल. की मात्रा में जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाता है।

- जोड़ों के दर्द के साथ यदि सूजन हो तो एरंडी एवं निर्गुन्डी के पत्तों की सिकाई दर्द एवं सूजन को कम करती है।

- यदि गठियावात (आर्थराईटिस) के दर्द का कारण RHEUMATOID फेक्टर हो तो गुग्गुलु का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से करना चाहिए।

- गठियावात के कारण उत्पन्न जोड़ों के दर्द में पंचकर्म चिकित्सा अत्यंत प्रभावी है।

कुछ छोटी -छोटी बातों एवं सावधानियों का ध्यान रखकर हम जोड़ों के दर्द से रहत पा सकते हैं। 

- यदि जोड़ों के दर्द का कारण यूरिक एसिड का बढ़ना है तो भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम कर देनी चाहिए।

- सूजन की अवस्था में आसनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

- गठिया की प्रारंभिक अवस्था में योग एवं प्राणायाम का नित्य प्रयोग संधिवात के कारण उत्पन्न जोड़ों के दर्द को कम करता है।

- गठिया के रोगियों को तले भुने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

- जोड़ों के दर्द में भोजन में उड़द की दाल भिन्डी बैगन एवं अचार का सेवन वर्ज्य है।

- हरी पत्तेदार एम रेशेदार फल सब्जियां योगी के कब्ज को ठीक कर जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured post

PCOD की समस्या

 🌻 *मासिक की अनियमितता, मासिक में देरी, PCOD की समस्या* 🌻 ऐलोपैथी चिकित्सा पद्ध्यति में इस रोग के लिए कोई उपचार नही है, किन्तु आयुर्वेद की...