उचित खान-पान न होने की वजह से याद्दाश्त यानी मेमोरी पॉवर का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है। हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है। आयुर्वेद में इस समस्या से स्थाई रूप से निजात पाने के कुछ सरलतम उपाय बताए हैं, आइये देखते हैं कुछ चुनिंदा व असरदार नुस्खे प्रयोग......
1. 4-5 बादाम के दाने रात को भिगोकर सुबह छिलके उतार कर बारीक पीस लें। इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में घोलकर कुछ देर तक धीमी आंच पर उबालें। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीएं। इस प्रयोग से इंसान की दिमागी क्षमता में काफी वृद्धि होती है।
2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।
3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें। सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में भी यह विधि लाभदायक है।
विशेष:
किसी भी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने से पहले स्वविवेक से काम लेना चाहिये तथा किसी आयुर्वेद के जानकार चिकित्सक से सलाह लेना सदैव निरापद रहता है। किसी भी असुविधा के लिये वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।
1. 4-5 बादाम के दाने रात को भिगोकर सुबह छिलके उतार कर बारीक पीस लें। इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में घोलकर कुछ देर तक धीमी आंच पर उबालें। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीएं। इस प्रयोग से इंसान की दिमागी क्षमता में काफी वृद्धि होती है।
2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।
3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें। सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में भी यह विधि लाभदायक है।
विशेष:
किसी भी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने से पहले स्वविवेक से काम लेना चाहिये तथा किसी आयुर्वेद के जानकार चिकित्सक से सलाह लेना सदैव निरापद रहता है। किसी भी असुविधा के लिये वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।
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