अभी तक आपने यही सुना होगा कि चाय सेहत के लिये बहुत हानिकारक होती है, लेकिन यह सिक्के का सिर्फ एक पहलू है। हानिकारक समझे जाने वाली यही चाय आपके लिये बेहद लाभदायक भी हो सकती है। तरीके बदलने से परिणाम भी बदल जाते हैं। सही तरीके से बनी चाय आपके लिये काफी फायदेमंद हो सकती है। आइये जाने कि गुणों से भरपूर ऐसी लाभदायक चाय किस तरह बनती है....
आवश्यक सामग्री:
तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपात 100 ग्राम,
ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफ शा 25 ग्राम, सौंफ 250 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250 ग्राम और काली मिर्च 25 ग्राम। सब पदार्थों को एक-एक करके इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर सबको मिलाकर किसी बर्नी में भरकर रख लें। बस, तुलसी की चाय तैयार है।
बनाने की विधि :
आठ प्याले चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) एक बड़ा चम्मच भर लेना काफ ी है। आठ प्याला पानी एक तपेली में डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे तब तपेली नीचे उतार कर एक चम्मच मिश्रण डालकर फौरन ढक्कन से ढक दें। थोड़ी देर तक सीझने दें फिर छानकर कप में डाल लें। इसमें दूध नहीं डाला जाता। मीठा करना चाहें तो उबलने के लिए आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और गरम होने के लिए रख दें।
फायदे:
ऊपर बताए गए प्रयोग से बनी चाय आपको ताजगी और स्फूर्ति के साथ ही तंदरुस्ती का अतिरिक्त लाभ भी दे सकती है। तुलसी की चाय प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली, स्फू र्तिदायक, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है।
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