लेखक - पी. ए. बाला
आज के युग में हर इंसान किसी न किसी मनोकामना ,इच्छा को लेकर जी ही रह होता है । वो किसी भी प्रकार की हो सकती है , और हर इंसान उस इच्छापूर्ति के लिये भरसक प्रयास भी करता है । चाहे वो ज्योतिष के माध्यम से हो या अन्य फिर भी सफल नही हो पा रहा , ऐसी स्थिति इंसान के लिये बड़ी कष्टदायक होती है, कि चाह कर भी वो कुछ नही कर पाता । ऐसी स्थिति से उबरने के लिये आपको एक राम बाण प्रयोग बताता हूं, जो कि बड़ा तीव्र है तुरंत फायदा देने वाला है चूंकि मैं उसे राम बाण उपाय कह ही रह हूँ तो इसका तात्पर्य यही है कि ये उपाय कभी असफल नही होता । ये उपाय प्रायः सभी जानते हैं पर तरीका क्या है इसका उससे लोग अनभिज्ञ हैं , तो आज हम उसी तरीके के बारे में जानेंगे । उपाय बेहद आसान है परन्तु ये परिश्रम मांगता है , अगर आपने जान लगा कर ये कर लिया तो निश्चित मत है कि आपके कार्य को सफल होने से कोई नही रोक सकता । उपाय इस प्रकार है :-
आपको किसी भी मंगलवार या शनिवार को 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना है । इस विधि से :--- जिस भी दिन आप ये करें कोशिश करें उस दिन प्याज-लहसुन का प्रयोग न करें , अगर करते भी हैं तो इस साधना से 2 घंटे पहले खाना खायें और साधना से पहले नमक के पानी से कुल्ला करके अच्छे से हाथ मुँह धो कर , नहा सके तो और बेहतर है ।लाल आसन लेकर उत्तर या पूर्व की तरफ मुख करके बैठें । साथ में 108 दाने एक कटोरी में चने की दाल ले कर बैठे , एक खाली कटोरी ले कर बैठें । एक चने की दाल हाथ में लेकर सबसे पहले 108 बार श्रीराम नाम का जप करें, फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें और ऐसे 108 बार चालीसा का पाठ करें । श्रीराम नाम आपको शुरू में एक बार और अंत में 108 चालीसा पाठ के बाद करना है । साधना के नियम इस प्रकार हैं :-
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1. यह साधना बेहद श्रद्धा और विश्वास की है , इसमें किसी प्रकार की वैसे तो भौतिक चीजों जैसे तस्वीर, चौकी, दीया-बत्ती , प्रसाद, माला की आवश्यकता नही है । फिर भी आप इन सब के साथ करना चाहें तो कर सकते हैं । इसके लिये जरूरी है कि पूरे साधना के समय दीया जलता रहना चाहिये ।
2. उपरोक्त भौतिक चीजों के अलावा करने पर सिर्फ आपको आसन और दिशा का ध्यान रखना है । चने की दाल भी सम्भव न हो तो उंगलियों पर भी गिनती कर सकते हैं ।
3. इस साधना को करने में 3-4 घंटे या उससे ज्यादा का वक़्त भी लग सकता है । इस पूरे साधना काल में आपको आसन नही छोड़ना है बाकी आप हाथ पैर हिला डुला सकते हैं ।
4. इस साधना को ऐसे समय करें जब रात को बीच में 12 अवश्य बजें ।
5. साधना के बाद प्रयोग की गई चने की दाल को लाल कपड़े में छोटी पोटली बना कर या तो अपने जेब में रखें या तिजोरी में रखें ।
6. साधना के दौरान आपका शरीर कई बार आपका साथ छोड़ने लगेगा । आपकी हिम्मत जवाब देने लगेगी, शरीर के कई हिस्सों से दर्द निकलेगा पर आपको हिम्मत रख कर एक बार ये पूरा साधना करनी है । दरअसल वो पीड़ा आपके शरीर को होती है वो आपकी नकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर से निकल रही होती है ।
7. जब आप साधना पूरी कर लें तो "जयश्रीराम" बोल के आसन छोड़ देवें व आसन को लपेट के रख देवें और लघुशंका वगैरह कर के सीधा बिना कुछ बोले या किसी से बात किये हुए साधना स्थल पर जमीन पर ही सो जाएं अगर ऐसा संभव न हो तो बिस्तर में जा कर लेट जाएं ।
8. साफ सफाई और पवित्रता का ध्यान रखें ।
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यह साधना विशेष फलदायी है और आजमाई हुई है , इसके कई सफल प्रयोग मैंने स्वयं के जीवन में किये हैं, और जिनको भी यह साधना बताई गई है उनके सभी के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं । यह साधना मैंने कई ऐसे परिवारों को बताई है जिनके परिजन जेल में थे , जो बिना किसी गुनाह के जेल में सज़ा भुगत रहे थे , जिनको बाहर निकलने का कोई अवसर नही मिल रहा था , उन्होंने जेल में रहकर ये साधना सिर्फ श्रद्धा और विश्वास से पूरी की और बाहर निकलने के बाद उनके द्वारा बताया गया कि जेल में बिना किसी सामग्री, सामान , आसन के रात को ये साधना की और परिणामस्वरूप हम बाहर हैं और निश्चित ही कोर्ट केस भी जीतेंगे और वे जीते भी ...कहने का तात्पर्य यह है कि अगर आपकी इच्छा, मनोकामना सही है, आप सही हैं । बस आपको समर्पण भाव से श्रद्धा और विश्वास से ये साधना करनी है , भले आपके पास कोई भौतिक सुविधा न हो तब भी .... प्रभु आपकी जरूर सुनेंगे और आपके कष्टों को हर लेंगे ।
धन्यवाद
।।जय श्री राम।।