बुखार सेहत से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जो हर किसी को किसी न किसी बहाने और किसी न किसी रूप में होते ही रहता है। कभी साधारण बुखार, तो कभी वायरल बुखार, तो कभी मलेरिया के रूप में यह हमारे ऊपर हमला करता है। कई बार यह कई दिनों तक जाने का नाम ही नहीं लेता और धीरे-धीरे हमें कमजोर भी कर देता है।
अगर आपके साथ भी ऐसी ही समस्या है। सर्दी लगकर बार-बार बुखार आता है। इस तरह ठंड लग कर आने वाला किसी भी प्रकार का बुखार (चाहे रोज आता हो, एक या दो दिन छोड़कर आता हो) इसके लिए पान में आकड़े (आकौआ, अर्क या मदार भी कहते हैं) का 2 बूंद दूध टपका कर पान मुंह में रख लें।
यह पान कत्था ,चूना, सुपारी आदि से जैसे पान बनाया और खाया जाता है। वैसे ही उसी प्रकार से रूचि अनुसार बने हुए पान में यह दूध 2 बूंद टपका कर पान मुंह में रख लें। इसे चबाएं और इसकी पीक निगलते रहें। पीक थूकना नहीं है। यह प्रयोग बुखार चढऩे से पहले ही कर लें। एक बार के प्रयोग से लाभ न हो तो दूसरी बार फिर बुखार चढऩे से पहले एक पान का सेवन और कर लें। वैसे दूसरी बार लेने का अवसर नहीं आता है।
अगर आपके साथ भी ऐसी ही समस्या है। सर्दी लगकर बार-बार बुखार आता है। इस तरह ठंड लग कर आने वाला किसी भी प्रकार का बुखार (चाहे रोज आता हो, एक या दो दिन छोड़कर आता हो) इसके लिए पान में आकड़े (आकौआ, अर्क या मदार भी कहते हैं) का 2 बूंद दूध टपका कर पान मुंह में रख लें।
यह पान कत्था ,चूना, सुपारी आदि से जैसे पान बनाया और खाया जाता है। वैसे ही उसी प्रकार से रूचि अनुसार बने हुए पान में यह दूध 2 बूंद टपका कर पान मुंह में रख लें। इसे चबाएं और इसकी पीक निगलते रहें। पीक थूकना नहीं है। यह प्रयोग बुखार चढऩे से पहले ही कर लें। एक बार के प्रयोग से लाभ न हो तो दूसरी बार फिर बुखार चढऩे से पहले एक पान का सेवन और कर लें। वैसे दूसरी बार लेने का अवसर नहीं आता है।
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