केसर एक ऐसी औषधि है, जो सिर्फ खाने को स्वादिष्ट नहीं बनाती बल्कि देवपूजा व आयुर्वेदिक दवाईयों में भी उपयोग में लाया जाती है। केसर बहुत ही उपयोगी गुणों से युक्त होती है। केसर उत्तेजक, वाजीकारक, यौनशक्ति बनाए रखने वाली होती है। आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार नियमित रूप से, अल्प मात्रा में ग्रहण करने पर यह त्रि-दोषों (वात, पित्त व कफ) से निजात दिलाता है। इसका स्वभाव गर्म होता है। अत: औषधि के रूप में 250 मिलिग्राम व खाद्य के रूप में 100 मिलिग्राम से अधिक मात्रा में इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
यह एक कामशक्ति बढ़ाने वाला रसायन है। अत: इसका उपयोग बाजीकरण के लिए भी किया जाता है। कई अन्य बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग किया जाता है। महिलाओं की कुछ बीमारियों में यह रामबाण साबित होता है। बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय की सफाई के लिए कुछ दिनों तक इसका नियमित सेवन करना बहुत अच्छा रहता है। माहवारी के दौरान दर्द, अनियमितता व गड़बड़ी से निजात के लिए यह एक अच्छी औषधि है। त्रिदोष नाशक, रुचिकर, मासिक धर्म साफ लाने वाली, गर्भाशय व योनि संकोचन जैसे रोगों को भी दूर करती है।
त्वचा का रंग उज्ज्वल करने वाली, रक्तशोधक, धातु पौष्टिक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली, कफ नाशक, मन को प्रसन्न करने वाली रंगीन और सुगन्धित करने वाली होती है। अगर सर्दी लग गई हो तो रात्रि में एक गिलास दूध में एक चुटकी केसर और एक चम्मच शहद डालकर यदि मरीज को पिलाया जाए तो उसे अच्छी नींद आती है। त्वचा रोग होने पर खरोंच और जख्मों पर केसर लगाने से जख्म जल्दी भरते हैं। शिशुओं को अगर सर्दी जकड़ ले और नाक बंद हो जाये तो मां के दूध में केसर मिलाकर उसके माथे और नाक पर मला जाये तो सर्दी का प्रकोप कम होता है और उसे आराम मिलता है।
गंजे लोगों के लिये तो यह संजीवनी बूटी की तरह कारगर है। जिनके बाल बीच से उड़ जाते हैं, उन्हें थोड़ी सी मुलहठी को दूध में पीस लेना चाहिए। तत्पश्चात् उसमें चुटकी भर केसर डाल कर उसका पेस्ट बनाकर सोते समय सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।रूसी की समस्या हो या फिर बाल झड़ रहे हों, ऐसी स्थिति में भी उपरोक्त फार्मूला अपनाना चाहिए। पुरुषों में वीर्य शक्ति बढ़ाने हेतु शहद, बादाम और केसर लेने से फायदा होता है।
यह एक कामशक्ति बढ़ाने वाला रसायन है। अत: इसका उपयोग बाजीकरण के लिए भी किया जाता है। कई अन्य बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग किया जाता है। महिलाओं की कुछ बीमारियों में यह रामबाण साबित होता है। बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय की सफाई के लिए कुछ दिनों तक इसका नियमित सेवन करना बहुत अच्छा रहता है। माहवारी के दौरान दर्द, अनियमितता व गड़बड़ी से निजात के लिए यह एक अच्छी औषधि है। त्रिदोष नाशक, रुचिकर, मासिक धर्म साफ लाने वाली, गर्भाशय व योनि संकोचन जैसे रोगों को भी दूर करती है।
त्वचा का रंग उज्ज्वल करने वाली, रक्तशोधक, धातु पौष्टिक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली, कफ नाशक, मन को प्रसन्न करने वाली रंगीन और सुगन्धित करने वाली होती है। अगर सर्दी लग गई हो तो रात्रि में एक गिलास दूध में एक चुटकी केसर और एक चम्मच शहद डालकर यदि मरीज को पिलाया जाए तो उसे अच्छी नींद आती है। त्वचा रोग होने पर खरोंच और जख्मों पर केसर लगाने से जख्म जल्दी भरते हैं। शिशुओं को अगर सर्दी जकड़ ले और नाक बंद हो जाये तो मां के दूध में केसर मिलाकर उसके माथे और नाक पर मला जाये तो सर्दी का प्रकोप कम होता है और उसे आराम मिलता है।
गंजे लोगों के लिये तो यह संजीवनी बूटी की तरह कारगर है। जिनके बाल बीच से उड़ जाते हैं, उन्हें थोड़ी सी मुलहठी को दूध में पीस लेना चाहिए। तत्पश्चात् उसमें चुटकी भर केसर डाल कर उसका पेस्ट बनाकर सोते समय सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।रूसी की समस्या हो या फिर बाल झड़ रहे हों, ऐसी स्थिति में भी उपरोक्त फार्मूला अपनाना चाहिए। पुरुषों में वीर्य शक्ति बढ़ाने हेतु शहद, बादाम और केसर लेने से फायदा होता है।
sahi hi kaha hai aapne
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