गुरुवार, 5 जनवरी 2012

दस मिनट का सरल प्रयोग: इससे दिमाग चलने नहीं दौडऩे लगेगा


शरीर को सुंदर बनाए रखने के लिए हम सब क्या कुछ नहीं करते हैं। लेकिन बिना स्वस्थ मस्तिष्क के सुंदरता का कोई महत्व नहीं रह जाता है। इसलिए सुंदरता को सम्मान तभी मिलता है, जब उसके साथ तेज दिमाग भी होता है। जब हम सुंदरता के लिए इतने जतन करते हैं, तो दिमाग के साथ बेरुखी क्यों? हम सभी जानते हैं कि शरीर को फिट रखने के लिए योगा या एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। ऐसे ही अगर आप अपने दिमाग को हमेशा फिट और तेजतर्रार बनाएं रखना चाहते हैं, तो रोज दस मिनट तक नीचे लिखा योगासन कर सकते हैं।

  भद्रासन विधि- आसन बिछाकर बैठ जाएं। दाहिना पैर घुटने से मोड़कर एड़ी उपस्थ और गुदा के मध्य के दाहिने भाग में और बायां पैर मोड़कर एड़ी सीवन के बायें भाग में इस प्रकार रखें कि दोनों पैर के तलवे एक दूसरे को लगकर रहें। इस स्थिति को रेचक कहते हैं। रेचक करके दोनों हाथ सामने जमीन पर रखें। धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाएं और दोनों पैर के पंजों पर इस प्रकार बैठें कि शरीर का वजन एड़ी के मध्य भाग पर आए। ध्यान रहे अंगुलियों वाला भाग छूटा रहे।

लाभ- इस आसन से शरीर फूर्तिला और फिट रहता है। बुद्धि तीक्ष्ण होती है। कल्पनाशक्ति का भी विकास होता है। चंचलता कम होती है। पाचन शक्ति बढ़ती है। शरीर शुद्धि होने लगती है। स्नायु मजबूत होता है। धातुक्षय, गैस, मधुप्रमेह, स्वप्नदोष, अजीर्ण, कमर का दर्द, गर्दन की दुर्बलता, बन्धकोष, मन्दाग्नि, सिरदर्द, क्षय, हृदयरोग, अनिद्रा, दमा, मूर्छारोग, बवासीर, उल्टी, हिचकी, अतिसार,उदररोग, नेत्रविकार आदि असंख्य रोगों में इस आसन से लाभ होता है।

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