कान के दर्द की बीमारी अधिकतर उन्ही लोगों को परेशान करती हैं, जिन्हें हमेशा सर्दी बनी रहती है। लगातार बनी रहने वाला कफ या सर्दी कई तरह के कान के रोग पैदा कर देती है।अगर सर्दी का इलाज जल्द नहीं किया गया तो सुनने की शक्ति पर असर पड़ सकता है। यह देखा गया है कि अधिकतर रोगियों के कान में पस का निर्माण हो जाता है, जो अपने आप में कान का एक गंभीर रोग होता है और इसका जल्द से जल्द इलाज कराना जरुरी होता है। अगर आपको भी सर्दी में कान के दर्द की समस्या सता रही है तो अपनाएं ये रामबाण उपाय।
- कान के रोग के उपचार के लिए बेल के पेड़ की जड़ को नीम के तेल में डुबोकर उसे जला दें और जो तेल इसमें से रिसेगा, वह सीधे कान में डाल दें। इससे कान के दर्द में राहत मिलती है।
- तुलसी का रस गुनगुना करके कान में डालने से भी कान के रोगों में सहायता मिलती है।
- अदरक के रस में नींबू का रस मिलाएं और इसकी चार पांच बूंदें कान में डालें। आधे घंटे के बाद रुई से कान को साफ कर दें।
नोट- कान की बीमारियों मे लापरवाही बिल्कुल न बरतें। आयुर्वेदिक उपचार से फायदा नहीं हो रहा हो तो किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवानी चाहिए।
- कान के रोग के उपचार के लिए बेल के पेड़ की जड़ को नीम के तेल में डुबोकर उसे जला दें और जो तेल इसमें से रिसेगा, वह सीधे कान में डाल दें। इससे कान के दर्द में राहत मिलती है।
- तुलसी का रस गुनगुना करके कान में डालने से भी कान के रोगों में सहायता मिलती है।
- अदरक के रस में नींबू का रस मिलाएं और इसकी चार पांच बूंदें कान में डालें। आधे घंटे के बाद रुई से कान को साफ कर दें।
नोट- कान की बीमारियों मे लापरवाही बिल्कुल न बरतें। आयुर्वेदिक उपचार से फायदा नहीं हो रहा हो तो किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवानी चाहिए।
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