चर्म रोगों के लिए मलहम
25 मी.ली नीम का तेल, 25 मी.ली करंज का तेल, 25 मी.ली सरसों का तेल, 25 मी.ली कुसुम का तेल, 25 ग्राम गंधक, 100 ग्राम चरोटा, 100 ग्राम अमलतास एवं 25 ग्राम जटामांसी को लेकर सबसे पहले चरोटा, जटामांसी और अमलतास का क्वाथ बना लें. इस क्वाथ में में सारे तेलों को मिलकर धीमी आँच पर पकाएं. जब सारा पानी सुखकर सर तेल बच जाए उसे तेल को आंच से उतारकर छानकर उसमे 25 ग्राम मोम मिलाकर आँच पर चढ़ा दे. जब मोम उस तेल में मिल जाये फिर उसमे गंधक मिलाकर आंच से उतार लें. अब आपका मलहम तैयार है. चर्मरोगों में हमेशा नीम युक्त साबुन से ही स्नान करें.
पारंपरिक सौंदर्यवर्धक नुस्खे
जायफल को गाय के दूध में घिसकर उसका लेप चेहरे पर 1 घंटा लगाकर धोने से चेहरे की कांति बढ़ती है. धूप की कालिमा (सनबर्न) से बचने के लिए धूप में कम घूमे साथ ही चेहेरे पर संतरे के छिलकों को बारीक़ काटकर चेहरे पर लगाने से सनबर्न से बचे रह सकते है.
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