कैलकैनियल रोग से पीड़ित रोगी जब फर्श या किसी अन्य स्थान पर चलता है तो उसे पैर के नीचे तलुवों तथा घुटने में दर्द महसूस होता है और कुछ कदम चलने पर यह दर्द ठीक हो जाता है। यह रोग उन व्यक्तियों को अधिक होता है जिनका वजन ज्यादा होता है।
कैलकैनियल रोग होने का कारण-
यह रोग शरीर में कैलकैनी अस्थि (होलबोन) के पास कैल्शियम जमा हो जाने के कारण से होता है। रोगी को शरीर में कैल्शियम के जमा हो जाने के कारण ही दर्द महसूस होता है। जब रोगी व्यक्ति थोड़ी दूर चलता है तो जमा हुआ कैल्शियम का बिखराव हो जाता है जिससे दर्द ठीक हो जाता है।
कैलकैनियल रोग होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार- है।
•कैलकैनियल रोग से पीड़ित रोगी का वजन यदि ज्यादा है तो उसे अपना वजन घटाना चाहिए।
•कैलकैनियल रोग से पीड़ित रोगी को सोने से पहले तथा सुबह के समय में सोकर उठते ही गर्म पानी में इप्सम नमक मिलाकर पैर-स्नान करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
•कैलकैनियल रोग से पीड़ित रोगी को नर्म तथा मुलायम स्लीपर के जूते तथा चप्पल पहनने चाहिए।
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