अभी हाल ही में हुई एक अंतर्राष्ट्रीय शोध में पता चला है कि सूखे मेवे के रूप में मशहूर गोले यानी नारियल के तेल में बड़े ही चमत्कारी औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह तेल मधुमेह, एल्जिमर, हार्ट अटेक, मिर्गी...जैसे घातक रोगों को दबाने में बेहद कारगर हो सकता है।
खोज के अनुसार यह तेल बिना पित्त के ही पचने लगता है जबकि अन्य तेल अमाशय में पित्त के साथ मिल कर पचना शुरू होते हैं। नारियल-तेल बिना पित्त के सीधा लीवर में पहुंच जाता है और वहां से रक्त प्रवाह में और स्नायु कोशों में 'कैटोंन बोडीज़ के रूप में पहुच कर ऊर्जा कि पूर्ति करता है।
यह 'कैटोंन बोडीज़ अत्यंत शक्तिशाली ढंग से नवीन कोशों का निर्माण करती हैं जिस के कारण शर्करा, इंसुलिन आदि की ज़रूरत ही नहीं रह जाती। मधुमेह रोगी को किसी की प्रकार दवा की आवश्यक नहीं रहती। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़कर पूरी तरह से काम करने लगती है जिसके कारण सभी रोग धीरे-धीरे अपने आप ठीक होने लगते हैं।
केवल मधुमेह ही नहीं एल्जि़मर, मिर्गी, अधरंग, हार्ट अटैक, चोट आदि के कारण नष्ट हो चुके कोष भी फिर से बनने लगते हैं तथा ये लाइलाज समझे जाने वाले रोग भी ठीक होने लगते हैं।
प्रयोग विधि:
दवाई के रूप में एक दिन में लगभग 45 मि.ली. नारियल तेल का प्रयोग किया जाना चाहिये। शुरुआत केवल एक चम्मच से करते हुए धीरे-धीरे मात्रा बढानी चाहिए अन्यथा हाजमा बिगड़ सकता है। दाल, सब्जी में कच्चा डालकर या तड़के के रूप में इसका प्रयोग किया जा सकता है। गर्मियों में ध्यान रखना चाहिये कि इसके अधिक प्रयोग से शरीर में गर्मी न बढ़ जाए।
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