बुधवार, 18 मई 2011


केले से होते हैं कई उपचार

प्राकृतिक चिकित्सा में केले का विशेष महत्व है। इसका विविध प्रकार से सेवन बहुत से रोगों से छुटकारा दिलाता है।
कुछ पेचीदा रोग भी केले के सामने औंधे मुंह गिरते हैं।
* यदि सफेद पानी का रोग परेशान कर रहा हो तो रोगी को पहले दो केले खिलाएं फिर शहद मिला आधा गिलास दूध पीने को दें। प्रात: खाली पेट। साथ होने लगेगा।
* क्षय रोग में यह प्रयोग करें। केले के पेड़ का ताजा रस रोगी प्रतिदिन तीन बार भी लिया करे। यदि रस उपलब्ध न करा सकें तो कच्चा हरा केला काटकर खिलाएं। यह उपचार काफी जल्दी अच्छे परिणाम देता है।
* पेशाब रुक जाने पर केले के पौधे का रस लें। इसे चार चम्मच देसी घी में मिलाएं। इसके दो चम्मच एक बार पिलाएं। दिन में दो बार। पेशाब की रुकावट नहीं रहेंगी।
* यदि हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत हो तो नाश्ते के बाद केले का सेवन फायदा करता है।
* कुछ व्यक्तियों को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को एक केला, आधा कप आंवले के रस के साथ खिला दें। आंवले के रस में थोड़ी चीनी मिला लें। दो-तीन दिनों के उपचार के बाद काफी लाभ हो जाएगा।
* पेचिश की शिकायत में एक कटोरी दही लें। उसमें छिले केले के टुकड़े मिला दें। रोगी इसे दिन में तीन बार खा लें। आराम आ जाएगा।
* गैस रोग से परेशान रोगी एक पका हुआ केला ले। दूध का एक छोटा गिलास भी। थोड़ी दूध पीए, साथ में थोड़ा केला खाए। दोनों को साथ-साथ चलाएं। यह गैस रोग में तो उपयोगी है ही, अल्सर में भी ठीक रहता है।
* कुछ बच्चों को मिट्टी खाने की आदत हो जाती है। वे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि उनके शरीर में कैल्शियम की कमी रहती है। केला तथा 5 ग्राम शहद, दोनों को साथ-साथ खिलाएं। मिट्टी खाने की आदत छूट जाएगी।
* शरीर का कोई अंग जल जाने पर, उस पर केले के खाने वाले भाग को कूटकर बांधें।
दर्द गायब हो जाएगा। कुछ दिनों तक रोज बांधें। पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।

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