परिचय :
आंतों में कई तरह के कीड़े पैदा होते हैं। जिनमें सूत्रकृमि, केंचुए और फीता कृमि खास हैं। आंतों में इसके होने से गुदा में खुजली, भूख न लगना, कब्ज, सिर दर्द आदि लक्षण भी प्रकट होते हैं। कभी-कभी पतले दस्त भी आने लगते हैं। इसे दूर करने के लिए लीवर का स्वस्थ होना जरूरी है। इन कृमियों के अलावा भी कुछ कृमि होते हैं जो अनाज वगैरह को भी खत्म करते हैं।
रोग के लक्षण :
मल के साथ कीड़े निकलना, पेट में दर्द और दस्त व भूख न लगना।
एरंड का तेल :
काला जीरा, अजवाइन और पलाश को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और सोते समय खा लें। दूसरे दिन सुबह के समय एरंड का तेल लें। इससे आंतों के कीडे़ मर जाते हैं।
केला :
केला शहद में भिगोकर रात के समय खायें। अगले दिन सुबह के समय एरण्डी का तेल लें। इससे कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
मैनफल :
बच्चों के आन्त्रकृमि में मैनफल का छिलका या मैनफल के बीज का चूर्ण 1 से 4 ग्राम देने से कीड़े खत्म होते हैं। दस्त के लिए दूसरी दवा देना जरूरी नहीं। यह विरेचक भी है।
नमक :
- बच्चों के पेट में कीड़े होने पर नमक मिलाकर गुनगुना पानी पिला दें। नाभि पर हल्दी पीसकर लगा दें। दो से तीन दिनों तक ऐसा करने से बच्चों के पेट के सारे कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- बच्चों के आंतों के कीड़ों में नमक मिलाकर हल्का गरम पानी मिलाकर पिला दें। नाभि पर हल्दी पीसकर लगा दें। ऐसा रोज करने से तीन दिनों में आंतों के सारे कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- सूत्रकृमि में नमक के लेप को नाभि के नीचे लगाने से लाभ होता है।
जंगली अजवायन :
जंगली अजवायन का पाउडर 1 से 3 ग्राम नियमित रात को गरम पानी से लेने से पेट के कीडे़ खत्म हो जाते हैं और अफारा भी खत्म हो जाता है।
गजपीपल :
गजपीपल का फांट (गर्म पानी में गजपीपल का चूर्ण मिलाकर छाना गया रस) 7 मिलीलीटर से 21 मिलीलीटर तक सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
सोया :
सोया का काढ़ा 40 ग्राम सुबह-शाम पीने पेट में होने वाले कीड़े खत्म हो जाते हैं।
बायविडंग :
- बायविडंग का पाउडर बच्चे को 4 ग्राम और बड़ों को 8 ग्राम सुबह शहद या गु़ड़ के साथ सेवन करने के लिए दें। इसके सेवन के 4 घंटे के बाद उम्र के अनुसार एरंड तेल को दूध में मिलाकर पीने से पेट के कीड़े जल्दी मर जाते हैं।
- अतीस का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग तथा वायविडंग का चूर्ण लगभग आधा ग्राम रात में सोने से पहले गरम पानी के साथ लेना चाहिए। इससे आंतों के कीड़े मर जाते हैं।
विडंगभेद :
विडंगभेद का पाउडर 5 से 15 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह चाटना चाहिए। इसके 4 घंटे बाद एरंड तेल 2 से 4 चम्मच दूध में मिलाकर पिला देने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
नाड़ी हिंगु :
नाड़ी हिंगु एक तरह के गोंद के रूप में मिलता है। इसे लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में सुबह-शाम देने से गोल कीड़े खत्म होते हैं या निर्जीव होकर मल के साथ निकल आते हैं। डिकामाली या नाड़ी हिंगु में लकड़ी के टुकड़े, घास फूस आदि लगे होते हैं जिसे गरम पानी में घोलकर साफ कर प्रयोग में लाया जाता है।
बांस :
बांस के पत्तों को पीसकर रस निकालकर बच्चों को बस्ति (एनिमा क्रिया) दी जाये तो सूत्रकृमि खत्म होते हैं।
कबीला :
- कबीला 2 से 8 ग्राम को दूध, दही, शहद या किसी सुगन्धित पेय के साथ रात को सोने से पहले खिलायें। इससे सभी तरह के कीड़े खासकर स्फीत कीड़े जरूर खत्म होते हैं। इसमें अलग से दस्त की जरूरत नहीं होती फिर भी सुबह से अगर मल नहीं हो रहा हो तो दूध में 2 से चार चम्मच एरंड तेल मिलाकर पिला दें।
- बच्चों के आंतों में कीड़े होने की शिकायत पर लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कबीला दूध या दही में मिलाकर रात में देना चाहिए।
सत्यानाशी :
सत्यानाशी की जड़ का पाउडर 4 ग्राम नियमित रूप खिलाने से स्फीत कीड़े खत्म होते हैं।
भारंगी :
भारंगी की छाल या पत्तों की फांट तैयार कर बस्ति देने से सूत्र कीड़े खत्म होते हैं।
आमाहल्दी :
आमाहल्दी 2 से 4 ग्राम लताकरंज के पत्ते के रस के साथ खाने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
लहसुन :
- लहसुन का रस 10 से 30 बूंद को दूध में मिलाकर सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
- लहसुन के रस में शहद मिलाकर खाने से आंत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- लहसुन को बायविडंग के चूर्ण के साथ खाने से आंत के कीडे़ समाप्त हो जाते हैं।
तारपीन :
गोंद के साथ तारपीन तेल को घोंटकर थोड़ी सी चीनी मिलाकर पानी के साथ खाने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
भांट :
भांट के पत्ते के रस को नाभि के नीचे लेप करने से कीड़े खत्म होते हैं।
बालू का साग :
बालू का साग एक तरह की वनस्पति है जिसके पत्तों में बालू की तरह क्षार के कंकड़ होते हैं। इसके पंचाग का रस 500 ग्राम पानी के साथ सुबह खाली पेट हर दूसरे दिन खाने से आंत के कीड़े मरकर निकल जाते हैं।
फरहद :
फरहद के पत्ते का रस 5 से 10 ग्राम सुबह-शाम पिलाने से कीड़े खत्म होते हैं।
हरसिंगार :
बच्चों के पेट के कीड़ों के लिए हरसिंगार के पत्तों के रस को चीनी मिलाकर देने से लाभ होता है।
सहजन :
सहजन के फली की साग खाते रहने से आंत में कीड़े नहीं होते हैं।
कोरैया (कूड़ा) :
कोरैया के कोमल पत्ते खिलाने से बच्चों के पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
कंटकंरज :
कंटकरंज के पत्ते का रस 10 से 20 ग्राम या जड़ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से 1.20 ग्राम को कालीमिर्च के साथ घोंटकर सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं
अतिबला (कंघी) :
अतिबला (कंघी) के बीजों की धूनी गुदा में देने से सूत्रकृमि खत्म होते हैं।
मरोड़फली :
मरोड़फली डेढ़ ग्राम से 3 ग्राम सुबह शाम देने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
पीला हुरहुर :
पीले हुरहुर के बीजों का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में खाने से आंतों के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
हिंगोट :
हिंगोट के फल का गूदा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम सुबह से शाम तक खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
गैम्बोज :
तमाल के पेड़ से प्राप्त गोंद को गैम्बोज कहते हैं। इसे 3 मिलीग्राम की मात्रा में रात में सोने से पहले दालचीनी या लौंग के साथ दें। इससे पेट के कीड़े खत्म होते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि मात्रा ज्यादा न हो अन्थया जान भी जा सकती है।
ढाक :
ढाक के स्वस्थ बीज (जिनमें कीड़े न लगे हो) का पाउडर लगभग आधा ग्राम से 10 ग्राम तक की मात्रा में खाने से पेट के केचुएं खत्म होते हैं। इसके बीजों के छिलके निकालकर प्रयोग करें अन्यथा पतले दस्त भी हो सकते हैं।
सागौन :
सागौन की छाल या लकड़ी का चूर्ण यदि 3 से 12 ग्राम सुबह-शाम खाये तो आंतों के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
कोशाम :
कोशाम के बीजों का चूर्ण मवेशी (जानवरों) के घावों पर डालने से घाव के सब कीड़े निकल जाते हैं।
नारियल :
आंतों के चिपटे कीड़ों को खत्म करने के लिए पीड़ित रोगी को रात में एक नारियल की गरी खिलाकर सवेरे दस्त आने के लिए कोई औषधी खिला दें। इससे आंतों के कीड़े मरकर बाहर निकल आते हैं।
कच्ची सुपारी :
आंतों में चिपटे कीड़े निकालने के लिए कच्ची सुपारी को दूध में पीसकर पिलाने से काफी फायदा होता है।
शहतूत :
शहतूत के पेड़ की छाल का काढ़ा 50 से 100 ग्राम की मात्रा में खाने से आंत के कीड़े मरकर बाहर निकल आते हैं।
अनार :
- अनार के जड़ की छाल 1 से 2 ग्राम खाने से आंतों के कीड़े खत्म हो जाते हैं। इसे नियमित सुबह-शाम दें। अनार के फल का छिलका भी इसी मात्रा में लेने से कीड़ नष्ट होते हैं।
- अनार का रस आंतों के कीडे़ और दस्तों में लाभकारी होता है। लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और पाचन में सहायता करता है।
सेब :
सेब के पेड़ की जड़ 10 ग्राम से 20 ग्राम पीसकर सुबह शाम खाने से कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
अखरोट :
- अखरोट के पत्तों का रस 10 से 20 ग्राम खाने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
- अखरोट का तेल बताशे में 15 से 20 बूंद डालकर या दूध में मिलाकर सुबह-शाम खाने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
बिजौरा नींबू :
बिजौरा नींबू की जड़ 10 ग्राम पीसकर रोज सवेरे 2-4 दिनों तक पिलाने से कीड़े खत्म होते हैं।
बथुआ :
आंतों में कीड़े होने पर बथुआ का साग खाना लाभदायक होता है।
सुगन्ध वास्तुक :
सुगन्ध वास्तुक के बीज लगभग आधा ग्राम से 2.40 ग्राम चीनी के साथ सिर्फ एक ही मात्रा देना काफी होता है। इस बीज से तेल भी निकाला जाता है।
छोटी लोणा (नोनीसाग) :
छोटी लोणा (नोनीसाग) के बीज का पाउडर लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में खाने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
पेठा भूरा :
पेठा के बीजों का चूर्ण बनाकर 3 से 6 ग्राम या इसके बीजों का तेल 20 से 30 बूंद सुबह-शाम खाने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
सफेद कद्दू :
सफेद कद्दू के ताजे बीज, 30 से 60 ग्राम कूटकर दूध एवं मधु के साथ खाली पेट पिलाने से आंतों के कीड़े खत्म होते हैं। इसे पिलाने के कम से कम 3 घंटे बाद विरेचन देकर पेट साफ कर दिया जाता है।
करेले :
आंतों के कीड़े खत्म करने के लिए करेले का रस गरम पानी में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग मिलाकर खाने से पूरा फायदा होता है और कीड़े खत्म होते हैं।
गाजर :
गाजर को कद्दूकस कर नियमित खिलाने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं।
कच्चे अनानास :
कच्चे अनानास का रस नियमित रूप से खाने से आंतों के कीड़े खत्म होते हैं।
अफसतीन :
अफसतीन का तेल 10 से 15 बूंद सुबह-शाम बताशे पर डालकर या दूध में मिलाकर खाने से आंत के कीड़े मर जाते हैं।
अजवायन :
किरमानी अजवायन का चूर्ण डेढ़ ग्राम से 3 ग्राम सुबह-शाम खाने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
फा-जूफा :
फा-जूफा 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम खाने से कीड़े खत्म होते हैं।
पुदीना :
पुदीना के पत्तों को खाने से आंतों के दर्द और कीड़े दूर होते हैं।
बेवरंग :
आंतों के कीड़ों को दूर करने के लिए बेवरंग के बीजों का चूर्ण 4 से 16 ग्राम सुबह-शाम लेने से लाभ होता है।
गंधपुरा :
गंधपुरा का तेल 5 से 15 बूंद सुबह-शाम चीनी में डालकर खाने से आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
कुप्पी :
कुप्पी के पंचांग का चूर्ण 40 से 80 ग्राम सुबह-शाम लेने से आंतों के कीड़े खत्म होते हैं।
टमाटर :
टमाटर के रस में कालीमिर्च और कालानमक मिलाकर नियमित सुबह खाली पेट खाने से एक हफ्ते में ही कीड़े खत्म हो जाते हैं।
हींग :
पानी में हींग घोलकर नाभि के नीचे लगाने से आंतों के कीड़े मल के साथ बाहर आ जाते हैं।
गंभारी :
गंभारी की जड़ का काढ़ा 50 से 100 मिलीमीटर की मात्रा में रोगी को पिलाने से आंतों के कीडे़ मर जाते हैं।
पोदीना :
आधा कप पोदीने का रस दिन में दो बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक पिलाते रहने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
सूरजमुखी :
- लगभग 1 से 3 ग्राम की मात्रा में इसके बीज खिलाने से केंचुआ व उदरगत कीड़े का निर्हरण (नाश) होता है।
- सूरजमुखी के बीजों का चूर्ण डेढ़ से तीन ग्राम चीनी के साथ सुबह-शाम दो दिन सेवन करें और तीसरे दिन एरंड तेल विरेचन (दस्त लाना) के लिए लें। इससे विशेषत: मल के कीड़े निकल जाते हैं।
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