सोमवार, 2 मई 2011

बड़ी आंत की सूजन

(COLITIS)


परिचय :

बड़ी आंत की श्लैष्मिक झिल्ली के जलन और घाव को बड़ी आंत की सूजन, प्रदाह या कोलायटिस कहते हैं।

भोजन तथा परहेज :

शुरू के दिनों में उपवास रखें, बाद में पका हुआ केला, पपीता, शरीफा चीकू, उबली हुई सब्जियां, चावल-दाल, कच्चे नारियल का पानी और सेब का स्टयू आदि खिलाना चाहिए।

कच्चा सलाद और पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए क्योंकि इनमें फाइबर काफी मात्रा में होता है। मसाले, अचार, चाय, काफी, ऐल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए। धूम्रपान व उसके आस-पास जाने से बचना चाहिए। मैदा आदि से बनाई गई चीजें, तली हुई चीजें, पेस्ट्री, केक वगैरह नहीं खाना चाहिए।


सिनुआर :

      • सिनुआर के पत्तों का रस 10 ग्राम से 20 ग्राम तक खाने से आंतों की सूजन मिट जाती है।
      • सिनुआर, करंज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म-गर्म ऊपर से पेट पर बांधा जाये तो और अच्छा परिणाम मिलता है।


      नागदन्ती :

      नागदन्ती की जड़ की छाल 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम दालचीनी के साथ लेने से जलन और दर्द दूर होता है।


      राई :

      बड़ी आंत की सूजन में राई पीसकर लेप करें परन्तु एक घंटे से ज्यादा यह लेप न लगायें वरना छाले पड़ जायेंगे।


      हुरहुर :

      आंत की सूजन में पीले फूलों वाली हुरहुर के सिर्फ पत्तों का ही लेप करने से लाभ होता है।


        पालक का साग :

        आंत से सम्बन्धित रोगों में पालक का साग खाना फायदेमंद है।


          चौलाई :

          चौलाई का साग लेकर पीस लें और उसे लेप करे। इससे शांति मिलेगी और सूजन दूर होगी।


            बड़ी लोणा (लोना) :

            बड़ी लोणा का साग पीसकर आंत के सूजन वाले स्थान पर लेप लगायें या उसे बांधें दर्द कम होकर सूजन दूर हो जाता है


            चांगेरी :

            चांगेरी के साग को पीसकर लेप बना लें और उसे पेट के जिस हिस्से में दर्द हो वहां पर बांधने से लाभ होगा।


              चूका साग :

              चूका साग सिर्फ खाने और ऊपर से लेप करने व बांधने से ही दर्द दूर कर देता है।


                गाजर :

                गाजर में विटामिन बी-कॉम्पलेक्स मिलता है जो पाचन-संस्थान को शक्तिशाली बनाता है। इसके प्रयोग से कोलायटिस में लाभ मिलता है।


                  बरगद :

                  बरगद के पेड़ के नीचे जो जटाएं लटकती हैं, उनमें अंगुली की मोटाई की जटायें एक किलो लेकर एक-एक इंच के टुकड़े काट लें। इसे पांच किलो पानी में उबालें। उबलते हुए जब एक किलो पानी रह जाये तब ठंडा करके छान लें और बोतल में भर लें। इसको दो चम्मच सुबह-शाम पीयें। इससे लाभ होगा।


                  पानी :

                  खाना खाने के बाद एक गिलास गरम-गरम पानी, जितना गर्म पिया जा सके, लगातार पीते रहने से कोलाइटिस ठीक हो जाती है।


                  छाछ :

                  शुरू में तो उपवास रखना चाहिए और सिर्फ छाछ का ही इस्तेमाल करना चाहिए।


                    नारियल का पानी :

                    कच्चे नारियल का पानी ज्यादा से ज्यादा पीने से लाभ मिलता है।


                      सेब :

                      सेब का स्टयू भी कोलायटिस के घावों का उपचार करने में सहायक होता है।



                        पत्तागोभी :

                        एक गिलास छाछ में चौथाई कप पालक का रस, एक कप पत्तागोभी का रस मिलाकर रोजाना दिन में दो बार पिलाने से कोलाइटिस (वृहद अंग्त्रिक प्रदाह) ठीक हो जाती है। दो दिन उपवास रखें। तीसरे दिन एक गिलास पानी तीन चम्मच शहद, आधे नींबू का रस मिलाकर पीयें। सुबह एक कप गाजर का रस, भोजन में दही, एक कप गाजर का रस, चौथाई कप पालक का रस मिलाकर पीयें और शाम के भोजन में पपीता खायें।


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